Kitne Shahron Mein Kitni Baar

· Rajkamal Prakashan
5,0
1 atsauksme
E-grāmata
212
Lappuses

Par šo e-grāmatu

‘बेघर’, ‘नरक-दर-नरक’, ‘दौड़’ जैसे अविस्मरणीय उपन्यासों एवं कई उत्कृष्ट कहानियों की रचनाकार ममता कालिया गद्य-लेखन की नई भूमिका में हैं। वे उन शहरों को याद कर रही हैं जहाँ वह रहीं और जहाँ की छवियों को कोई हस्ती मिटा नहीं सकी। ज़ाहिर है कि यह महज़ याद नहीं है, यह है—जीवन्त गद्य द्वारा अपने ही छिपे हुए जीवन की खोज और उसका उत्सव। इस गद्य-शृंखला ने अपनी हर अगली क़िस्त में ज़्यादा पाठक, सम्मान और लोकप्रियता अर्जित की। ‘कितने शहरों में कितनी बार’ ने निश्चय ही हिन्दी गद्य को समृद्धि, गरिमा और ऊँचाई दी है।

—अखिलेश

‘कितने शहरों में कितनी बार’ में दिल्ली को जाना। इसमें रवि सचमुच नायक हैं और आपके लिखने का ढंग इतना नायाब कि उदासी और वियोग की बात आते ही दिल्ली में पीली, मैली धूल उड़ना शुरू हो जाती है—हर चीज़ को किसकिसा बनाती हुई। इतने शेड्स हैं और जीवन की इतनी तस्वीरें कि यह आपका वृत्तान्त-भर नहीं, हमारे समय की कथा, गल्प और कहानी होने लगती है। मेरे लिए आपकी यह सृजनात्मकता बहुत प्रिय और मूल्यवान सिद्ध हुई है।

—कुमार अम्बुज

आपके संस्मरण ‘कितने शहरों में कितनी बार’—दिल्ली से पता चला कि रवीन्द्र जी कितने साहसी हैं। ट्रेन के नीचे से अँगूठी उठा लाए। यह पूरी लेखमाला आपकी आत्मकथा बन जाएगी जैसे ‘ग़ालिब छुटी शराब’ है। इन लेखों की रोचकता इनकी सच्चाई में निहित है। इनमें आपका संघर्ष भी भरा हुआ है। बधाई लें।

—सरजूप्रसाद मिश्र

अभी-अभी ‘तद्भव’ में ‘कितने शहरों में कितनी बार’ पढ़कर ख़त्म किया। आपकी बेबाकी और वह अनायास फक्कड़पन, न केवल ज़िन्दगी की खानाबदोशी बल्कि उसको उकेरने का ढंग—आपके इस सृजनात्मक रिपोर्ताज़ ने मेरा मन मोह लिया।

—सुदर्शन प्रियदर्शिनी

‘तद्भव’ के नए अंक में आपका संस्मरणात्मक लेख पढ़ा। आपका लेख अद्भुत है। आपकी शैली और भाषा पूरे समय बाँधे रहती है।

—अनन्त विजय

Vērtējumi un atsauksmes

5,0
1 atsauksme

Novērtējiet šo e-grāmatu

Izsakiet savu viedokli!

Informācija lasīšanai

Viedtālruņi un planšetdatori
Instalējiet lietotni Google Play grāmatas Android ierīcēm un iPad planšetdatoriem/iPhone tālruņiem. Lietotne tiks automātiski sinhronizēta ar jūsu kontu un ļaus lasīt saturu tiešsaistē vai bezsaistē neatkarīgi no jūsu atrašanās vietas.
Klēpjdatori un galddatori
Varat klausīties pakalpojumā Google Play iegādātās audiogrāmatas, izmantojot datora tīmekļa pārlūkprogrammu.
E-lasītāji un citas ierīces
Lai lasītu grāmatas tādās elektroniskās tintes ierīcēs kā Kobo e-lasītāji, nepieciešams lejupielādēt failu un pārsūtīt to uz savu ierīci. Izpildiet palīdzības centrā sniegtos detalizētos norādījumus, lai pārsūtītu failus uz atbalstītiem e-lasītājiem.